पपीते की खेती
व्यवसायिक रूप से फल उत्पादन के लिए ताइवान , रेड लेडी -786, हानिड्यू (मधु बिंदु) , कुर्ग हनीड्यू, वाशिंगटन, कोयंबटूर -1 , पंजाब स्वीट , पूसा डिलीशियस ,पूसा जाइंट , पूसा ड्वार्फ, पूसा नन्हा, सूर्या, पंत पपीता आदि।
हरे और कच्चे पपीते के फलों से सफेद रस या दूध निकालकर सुखाए गए पदार्थ को पपेन कहते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से मांस को मुलायम करने, प्रोटीन के पचाने, पेय पदार्थों को साफ करने, च्विंगम बनाने, पेपर कारखाने में, दवाओं के निर्माण में, सौन्दर्य प्रसाधन के सामान बनाने आदि के लिए किया जाता है। पपेन उत्पादन किस्मों के लिए पूसा मैजेस्टी , CO. -5, CO. -2 जैसी किस्मों को लगा सकते हैं।
पपीता एक ऐसी फसल है, जिसे गमलों में भी लगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए खास किस्मों को ही लगाना चाहिए। गमलों में लगाने के लिए पूसा नन्हा, पूसा ड्वार्फ आदि का चुनाव करना चाहिए।